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Mohammad Rafi birthday This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

Mohammad Rafi birthday

साल 1958 की कालापानी, नौ दो ग्यारह और 1963 में आई ''तेरे घर के सामने'' मूवी में एक्टर देव आनंद थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन फिल्मों के गाने किसकी आवाज में थे। ये गीत भारत के मशहूर गायक, मोहम्मद रफी ने, गाए थे। प्लेबैक सिंगर मोहम्मद रफी, ने पहली बार 13 साल की उम्र में लाहौर में अपना पहला स्टेज शो किया और साल 1941 में ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाना शुरू किया। उस वक्त पंजाबी फिल्म ''गुल बलूच'' के लिए उन्होंने, अपना पहला गीत रिकॉर्ड किया और 1945 में फिल्म गांव की गोरी के लिए अपना पहला गाना गाकर, बॉलीवुड में एंट्री की। आज रफी साहब की जयंती पर, आइए उनके बारे में थोड़ा और जानते हैं। आज भारत में नेशनल कंज्यूमर राइट डे भी सेलिब्रेट किया जा रहा है। आज का दिन, ग्राहकों को जगाने और उनके अधिकारों के बारे में बताता है। A-24 दिसंबर, 1924 को पंजाब के अमृतसर जिले के कोटला सुल्तान सिंह गाँव में जन्मे मोहम्मद रफी, भारत के उन फेमस प्लेबैक गायकों में से एक हैं, जिन्होंने 7 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्होंने कई भारतीय भाषाओं के साथ-साथ, अंग्रेजी, फारसी, डच और मॉरीशस की स्थानीय भाषा, क्रियोल में भी गाने गाए हैं। उनकी पर्सनल जिंदगी के बारे में बात करें, तो उनके 5 भाई और 2 बहनें हैं। उनकी पहली शादी बशीरा बानो से हुई। दूसरी बार उन्होंने 1943 में बिलकिस बानो से शादी की। 1950 और 1970 के बीच, मोहम्मद रफी की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बहुत डिमांड थी। 40 से ज्यादा साल के म्यूजिक करियर में उन्होंने कव्वाली, गजल, भजन, शास्त्रीय के साथ-साथ कई रोमांटिक और सैड सॉन्ग गाए हैं। रफी साहब को छह फिल्मफेयर अवॉर्ड और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा 1967 में पद्मश्री, से नवाजा गया था। 31 जुलाई, 1980 को भारत ने अपने इस रत्न को खो दिया, लेकिन आज भी उनकी आवाज़ लोगों के दिलों में जिंदा है। हालांकि दर्शकों ने मोहम्मद रफी को पहली बार, साल 1945 में, फिल्म लैला मजनू के लिए, ऑनस्क्रीन देखा था।

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B-अपने-अपने फेवरेट शोज, मूवी, गाने देखने के लिए हम अक्सर टीवी देखते हैं, लेकिन क्या टीवी पर आने वाली ''जागो ग्राहक जागो'' की एडवरटीजमेंट आपके लिए सिर्फ एक ब्रेक थी, या आप उसकी अहमियत को समझते हैं। आपको जगाने के लिए ही भारत, हर साल, 24 दिसंबर को, नेशनल कंज्यूमर राइट्स डे मनाता है। दुनियाभर में, 15 मार्च को वर्ल्ड कंज्यूमर राइट डे भी सेलिब्रेट किया जाता है। भारत में 1.28 बिलियन कंज्यूमर हैं। एमआरपी, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए एगमार्क, इलेक्ट्रिक उत्पादों के लिए आईएसआई मार्क, गोल्ड ज्वेलरी के लिए बीआईएस मार्क और "एफपीओ मार्क" जैसी सर्टिफिकेशन के बारे में आप सब जानते होंगे, जो प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और कीमत के बारे में बताते हैं। किसी प्रोडक्ट को खरीदते समय क्या आप चेक करते हैं कि कहीं वो, डुप्लीकेट तो नहीं, या फिर उसकी क्वालिटी, उनका standard क्या है। क्या आपको हिंदी सिनेमा की जबरदस्त मूवी- नायक का वो सीन याद है, कैसे सरकारी राशन की दुकान में ग्राहकों को ठगा जा रहा था। ध्यान रखें कहीं आपके साथ भी ऐसा न हो। इस मूवी में भी बताया गया है कि दुकानदारों से पक्का बिल लेना न भूलें। व्यस्त होने या फिर इग्नोरेंस की वजह से हम खराब प्रोडक्ट की भी शिकायत नहीं करते। खराब प्रोडक्ट की शिकायत करना, कस्टमर और manufacturer दोनों के लिए फायदेमंद रहता है। क्योंकि विक्रेता को उस प्रोडक्ट को इंप्रूव करने का मौका मिलता है, वहीं दूसरे उपभोक्ता उस प्रोडक्ट से ठगे जाने से बच जाते हैं।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को रिप्लेस करके Consumer Protection Act, 2019 भी लाया गया, जिसके तहत ई-कॉमर्स को भी इसमें कवर किया गया है। कंज्यूमर की शिकायतों के समाधान के लिए देश में जिला और राज्य स्तर पर कमीशन के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग भी गठित किया गया है। अगर आपको लगता है कि आपके उपभोक्ता अधिकारों का हनन हो रहा है, तो आप नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 डायल कर सकते हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर, मैं देशभक्त हिंदुस्तानी की ओर से तमाम सेल्जमैन के लिए गांधी जी की बात को दोहराना चाहूंगी कि "एक ग्राहक हमारे लिए सबसे जरूरी विजिटर है। वो हम पर निर्भर नहीं है, बल्कि हम उस पर निर्भर हैं। वो हमारे काम में रुकावट नहीं है। वो हमारे कारोबार में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं है, बल्कि वो, इसका हिस्सा है। हम उसकी सेवा करके उस पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं। वो हमें ऐसा करने का अवसर देकर, हम पर उपकार कर रहा है।”